हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम, के मूल मंत्र में जीवन की सफलता का रहस्य छुपा हुआ है।कठिन से कठिन परिस्थितियो में भी हिम्मत न हारने वाला मनुष्य जीवन में ऊंचाई को प्राप्त कर ही लेता है।परमेश्वर ने जितनी सम्भावनाये आगे बढ़ने की मनुष्य मात्र को दे रखी है शायद किसी और को नहीं।परन्तु आज का मानव कही न कही अपनी वरिष्ठता, विशिष्टता एवं क्षमता को पहचानने में नाकाम दिखता दिख रहा है।आत्मविकास की बात तो करना दूर की बात है,थोड़ी बहुत बाधाओ से ही मनुष्य घबड़ाने लगता है।वह अपने अन्दर छिपी शक्ति को पहचान नहीं पा पाता है और संघर्ष करने से घबड़ाता है परन्तु यह समझना अवशयक है की जब हिम्मत साथ होगी,तभी परिणाम की सिद्धी होगी।
साधारण व्यक्ति जहाँ केवल चिंतन और कर्म का ही भार वहन करते है वहीँ हिम्मती व्यक्ति आत्म निरिक्षण, आत्म सुधार और आत्म निर्माण को भी अपने प्रयासों में सम्मिलित करते है।ऐसे व्यक्ति हर नये दिन को नये जन्म के रूप में आरंभ करते है। इसलिए जीवन में कई बार मन को संकल्पित किये जाने की आवश्यकता होती है।
इतिहास साक्षी है की जिन्होंने भी परमेश्वर की अनुकम्पा को अनुभूत करते हुए अपने कार्यो को परणित करने का प्रयास किया है वे अवश्य ही सफल हुए है।सकारात्मक सोच रखते हुए निर्भयता पूर्वक कार्य के प्रति संलग्न होना सफलता का आधार है।नकारात्मक सोंच के लोगो को पास भी न फटकने दे।मित्रता सदैव साहसी बुद्धिमान एवं विश्वासी लोगो से ही करे।उत्साह बढ़ने वाली साहस व हिम्मत से भरी बातो ,कहानियों घटनाओ से प्रेरणा प्राप्त कर भौतिक जीवन में ही नहीं अपितु अध्यात्मिक क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।सतत प्रयास ही आपकी किस्मत का निर्माण करता है अतः कर्म शील बने। भगवान श्री कृष्ण श्रीमदभागवत गीता में यही कहते है कि कई बार उद्देश्य की प्राप्ति न होने पर समर्पण की भावना में कमी आ जाती है। परन्तु ईश्वर में पूर्ण विश्वास रख यदि आप जीवन के कार्यो को करते है तो जीवन में सफलता कदम चूमेगी।
अजय सिंह
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