आगे भी
जाने न
तू, पीछे
भी जाने
न तू
अन्जाने सायों का
राहों में
डेरा है
गुरु की 
बाँहों ने 
हम सबको
घेरा है
ये पल
उजाला है
बाक़ी अंधेरा है           
ये पल
गँवाना न
ये पल
ही तेरा
है
खोजी  सोच ले
यही वक़्त
है कर
ले पूरी
आरज़ू
आगे भी
...
सरश्री के
श्रवणों से जिंदगी संवारी है
मनन और
ध्यान से
मोक्ष की
तैयारी  है
इस पल
के होने
से दुनिया
हमारी है
ये पल
जो देखो
तो सदियों
पे वारि
है
जीनेवाले सोच ले
यही वक़्त
है 
 कर
ले पूरी
आरज़ू
आगे भी
...
इस पल के साए में अपना ठिकाना है
कल किसने
देखा है
कल किसने
जाना है               
हमको गुरु
ज्ञान ने
येही बताया
है 
खोजी  सोच ले
यही वक़्त
है 
कर
ले पूरी
आरज़ू
आगे भी
...







