Tuesday, January 8, 2013

दोस्त बनाये सफलता पायें

क्या आपको याद है सुदामा और कृष्ण  की दोस्ती, हनुमान और विभीषण की दोस्ती नहीं तो शोले के जय और वीरू की दोस्ती तो आप को निश्चित याद होगी जिन्होंने मिल कर अपने समय के सबसे खूंखार डाकू  गब्बर सिंह को मार गिराने में ठाकुर की मदद की थी। यानि  अलग अलग प्रतिभा वाले दो लोग जब  दोस्त बनकर  आपस में हाथ मिला लेते है तो  संयुक्त  रूप से एक नयी प्रतिभा  विकसित हो जाती है जो दोनों के लिए सफलता का मार्ग निश्चित करती है।

यह बात बहुत पुरानी नही है।दो दोस्त  लेरी पेज और सार्ज बिन जो अमरीका के  स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में सहपाठी थे, ने 1996 में एक कंपनी शुरू की। इस कम्पनी  ने  दुनिया में इंटरनेट का पूरा बिजनेस मॉडल बदल दिया और दस तेजी से बढती हुई कंपनी का दर्जा प्राप्त कर लिया वह कंपनी कोई और नहीं आपकी सुपरचित कम्पनी  गूगल इंक  है। यानि एक और एक मिलकर गणित में बेशक दो हो लेकिन भौतिक जगत में  दो  और दो  मिलकर ग्यारह या फिर इससे भी ज्यादा हो सकते है।

अब सवाल ये है की दोस्त कैसे और  किसे बनाये और इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है की दोस्त  बनाये कैसे रखे ? डेल कार्नेगी नाम के एक सुप्रसिद्ध अमरीकी लेखक ने अपनी प्रसिद्ध किताब "हाउ टू  विन  फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपुल" में कुछ बेहतरीन और अजमाए हुए नुस्खे  सुझाये है।आलोचना करना,दोष लगाना और बात बात में  शिकायत करना दोस्ती में बाधक है इसके विपरीत दूसरो की  मदद करना,लोगो द्वारा किये छोटे -छोटे काम के लिए धन्यवाद का भाव, और प्रशंसा  करना दोस्ती में  सहायक होते है।यदि आप लोगो में रूचि ले,उन्हें अपने बारे में बताने का मौका देकर उन्हें महत्व दे तो लोग आपसे मिलना और दोस्ती करना पसंद करेंगे। लेकिन यदि आप  दोस्तों का चुनाव सावधानी  पूर्वक नहीं करते है तो सम्भव की दोस्ती सफलता की सीढ़ी बनने के बजाय साँप बनजाये और आपकी प्रतिभा और प्रतिष्ठा दोनों को नुकसान पहुंचा दे ।याद रखिये सम्बन्धो में संतुलन और सावधानी सफलता के लिए अति  आवश्यक  है।

व्यासायिक सफलता के लिए उन लोगो से दोस्ती करे  जिन्हें आप अपने क्षेत्र में सफल मानते है या अनुकर्णीय व्यक्ति समझते है। ऐसे  लोगो के   बारे में जानकारी इकठ्ठा करे उन की रुचिओं और  अभिलाषाओ को समझे इसमें कैसे सहयोग दे सकते है इसकी योजना बनाये। सोशल नेट वर्किंग वेब साईट जैसे फेसबुक और लिंक डीन   इत्यादी पर यह जानकारियाँ   आजकल आसानी से उपलब्ध हो जाती है। ऐसे लोगो द्वारा  लिखे हुए लेख और पुस्तको के बारे में अपनी प्रतिक्रिया ईमानदारी से दे। और जब वह व्यक्ति आपको पहचानना शुरू कर दे तो उससे उसकी रूचि के विषय  और विशेषज्ञता के प्रश्न पूछे और उस पर चर्चा करे। यदि आर्थिक स्थित अनुमति दे तो कुछ अवसरों जैसे जन्म दिन और शादी की वर्षगांठ इत्यादि पर कोई आकर्षक उपहार इत्यादि देने से भी संबंधो में पहचान और गर्माहट बनी रहती है। याद रखिये यदि किसी प्रकार की अपेक्षा किये बिना आप दोस्ती का हाथ बढ़ा  रहे है तो यह लम्बे समय तक टिकेगी।काम के लिए सम्बन्ध न बनाये सम्बन्ध हो तो काम अपने आप होते है।

वास्तव में मनुष्य जीवन में दोस्ती का सम्बन्ध एक वरदान है,और पारिवारिक  संबंधो की तरह इसं सम्बन्ध  को बनाने की और बनाये रखने की  बाध्यता नहीं है।आप  किससे दोस्ती करे और कब तक करे सब कुछ आपकी रूचि और इच्छा पर निर्भर है। जीवन के हर मुकाम पर जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते है नए -नए  दोस्त बनते है और पुराने  बने हुए  छूटते भी जाते है।नये दोस्तों से दोस्ती करना अच्छा है लेकिन बचपन में बने पुराने दोस्त ज्यादा सच्चे और वफादार होते है इसलिए नए की चाहत में पुराने को महत्व न देने की गलती न करे। याद रखिये  सच्चा  दोस्त वही है जो  जरुरत पर काम  आये और  एक दूसरे की उन्नति की सीढ़ी  बन जाये। अत: जब कभी अवसर आये तो  अपनी दोस्ती का फ़र्ज़ निभाना न भूले।

अजय सिंह "एकल"

कैरिअर सम्बन्धी  प्रश्नों के लिए आप लेखक से  ईमेल: as@successmantra.net  पर संपर्क कर सकते है।
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